विजयादशमी: बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व

दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व हर साल आश्विन माह की दशमी तिथि को मनाया जाता है और यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।


रामायण की कहानी

दशहरे का पर्व भगवान राम की लंका पर विजय की कहानी से जुड़ा हुआ है। भगवान राम ने रावण का वध करके सीता माता को मुक्त किया था। यह घटना न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह हमें सिखाती है कि अंत में सत्य और धर्म की ही जीत होती है।

उत्सव की तैयारी

दशहरा के दौरान, लोग अपने घरों को सजाते हैं, रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के विशाल पुतले बनाते हैं। इन पुतलों का दहन करने की परंपरा है, जो बुराई के प्रतीक रावण के अंत का प्रतीक है।


सांस्कृतिक कार्यक्रम

इस अवसर पर रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान राम, सीता और रावण के पात्रों का अभिनय किया जाता है। लोग इस नाटक का आनंद लेते हैं और राम के संघर्षों को देखते हैं।

एकता और सद्भावना

दशहरा का पर्व हमें एकता, भाईचारे और सद्भावना का संदेश देता है। इस दिन सभी लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, शुभकामनाएँ देते हैं और नए कपड़े पहनकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं।


निष्कर्ष

दशहरा केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह हमें जीवन के मूल्य सिखाता है। यह हमें बुराई से लड़ने और अच्छाई को अपनाने की प्रेरणा देता है। इस विजयादशमी पर, आइए हम सभी संकल्प लें कि हम अपने जीवन में अच्छाई का प्रचार करेंगे और बुराई का विरोध करेंगे।

आप सभी को दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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